ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन की भेंट चढ़ गया कुंडया गांव का जल स्रोत


नरेंद्रनगर। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन टनल निर्माण में हो रहे हैवी ब्लास्टिंग के चलते विकासखंड नरेंद्रनगर का गांव कुंड्या का जलस्रोत सूख कर गायब हो गया है, पेय जल पाइप लाइन का स्त्रोत गांव से लगभग 2 किलोमीटर दूर है, जहां विकट पहाड़ी के रास्ते पहुंचा जा सकता है।

वाचस्पति रयाल (संवाददाता)

जल स्रोत सूखने से परेशान कुंड्या गांव के ग्रामीण

कुंड्या गांव के ग्रामीण उस समय भौचक्के रहे गए जब अपने सदियों पुराने प्राकृतिक जल स्रोत पर पहुंचे, जहां पहले तो गर्मियों में भी जल स्रोत पानी से लबालब रहता था, वहीं अब बरसात के मौसम में कणासू गधेरा व जलस्रोत सहित पानी का चेंबर व फिल्टर टैंक पर कहीं पानी की बूंद तक नहीं दिखाई दी, सरदार सिंह पुंडीर सहित पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि पेयजल स्रोत के नीचे रेलवे टनल निर्माण के चलते हैवी ब्लास्टिंग हो रहे हैं।

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के साइड इफेक्ट

जिसके कारण पानी का स्रोत गायब हो गया है, और ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरसते नजर आ रहे हैं। घटना की सूचना यूकेडी के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर व कुंड्या के पीड़ित ग्रामीण प्रशासन व आरबीएनएल को मौखिक व लिखित में दे दी है, मगर अबतक गांव के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है। देखिये ग्राउंड जीरो से संवाददाता वाचस्पति रयाल की वीडियो रिपोर्ट:-

संवाददाता वाचस्पति रयाल की ग्रामीणों से बातचीत

कपड़े धोने और मवेशियों को पीने के पानी के लिए इन दिनों कुंड्या गांव के लोग बरसात का पानी इकट्ठा करने को मजबूर हैं, जबकि पीने के पानी के लिए 2 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई से पानी लाने को लोग मजबूर हैं।

सरदार पुंडीर के नेतृत्व में ग्रामीण उतरेंगे सड़कों पर

इससे गुस्साए लोगों ने सरदार सिंह पुंडीर के नेतृत्व में पंचायत घर में बैठक की तथा रेलवे विकास निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, ग्रामीणों का कहना है कि अभी टनल गांव से 1 किलोमीटर से अधिक दूर है, मगर निकट भविष्य में गांव के समीप टनल में ब्लास्टिंग होने से मकान व खेत खलियानों को खतरे की आशंका जताई जा रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि वे रेलवे लाइन निर्माण का विरोध नहीं कर रहे हैं, मगर उनका नुकसान होने पर उसकी भरपाई तो की जानी चाहिए। सरदार सिंह पुंडीर और पीड़ित ग्रामीणों ने रेलवे विकास निगम से मांग की है कि तुरंत कुंड्या गांव की पेयजल संकट को दूर किया जाए, पीड़ित ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि समस्या का निदान न होने पर वे सड़कों पर आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।


By शैलेन्द्र सिंह रावत

पहाड़ी खबरनामा न्यूज पोर्टल के सम्पादक शैलेन्द्र सिंह रावत है, जो कि बीते 13 सालों से पत्रकारिता जगत से जुड़े हैं, शैलेन्द्र सिंह रावत ने ईटीवी, न्यूज18 व जैन टीवी में कई वर्षो तक एक पत्रकार के रूप में अपनी सेवाऐं दी, वर्ष 2018 में उनके द्वारा पहाड़ी खबरनामा न्यूज पोर्टल की नीव रखी गयी, जो कि न्यूज पोर्टल के साथ ही Facebook, YouTube, Twitter और Instagram जैसे अन्य डीजीटल प्लेटफार्म पर भी पहाड़ी खबरनामा के नाम से ही उपलब्ध हैं।

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