अंबाला। समाज को अपराध से रोकने के लिए कभी-कभी कानून के कदम सख्त भी होने जरूरी होते हैं। शहजादपुर में शुक्रवार दोपहर ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। उत्तराखंड निवासी साहिल बिष्ट की हत्या करने वाले तीन आरोपितों को सीआइए-1 की टीम ने हथकड़ी लगाकर शहजादपुर के बाजारों में जुलूस निकाला। बस स्टैंड से लेकर मुख्य बाजार और उनके मोहल्ले तक ले परेड़ करवाई, ताकि जनता देख सके कि अपराध करने का नतीजा कितना शर्मनाक और भयावह हो सकता है।
लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई युवा चौकते रहे, कई बुजुर्गों ने इसे कानून का कड़ा पर सटीक संदेश बताया। पुलिस ने साफ किया कि अपराध करने वालों को केवल अदालत में ही नहीं, बल्कि समाज की नजरों में भी शर्मसार होना पड़ेगा। अंबाला जिले में यह पहला ऐसा अवसर था जब हत्यारोपितों को इस तरह से बाजार और उनके मोहल्ले में घुमाया गया था।
हत्या का पूरा मामला, उत्तराखंड के सीएम तक पहुंचा था मामला…
13 अगस्त की रात शहजादपुर के स्टार हाईवे ढाबे के पास 30 वर्षीय साहिल बिष्ट की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड) के तिसरियाड़ा गांव का रहने वाला साहिल ढाबे पर काम करता था। बाइक सवार चार युवकों ने लूटपाट के इरादे से उसकी छाती में चाकू मार दिया। साहिल की मौके पर ही मौत हो गई।
इस सनसनीखेज वारदात ने उत्तराखंड से लेकर हरियाणा तक हलचल मचा दी। यहां तक कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से फोन पर बात कर आरोपियों को जल्द पकड़ने की मांग की थी। पुलिस ने तीन आरोपियों – सागर राणा, विकास उर्फ गामा और राहुल – को काबू कर लिया। एक आरोपित अब भी फरार है।
Live घटनाक्रम
शहजादपुर बाजार – दिन शुक्रवार। समय दोपहर एक बजे।
सीआइए-1 की गाड़ी जैसे ही मुख्य चौक पर पहुंची, लोगों की भीड़ अचानक बढ़ गई। गाड़ी का दरवाजा खुला और हथकड़ी लगे तीनों आरोपित – सागर राणा, विकास उर्फ गामा और राहुल – नीचे उतारे गए। शहजादपुर थाना प्रभारी एसआई अशोक व सीआइए की टीमें मौके पर तैनात। तीनों के टांगे चलते हुए कांप रही हैं। चेहरे शर्म से झुके हैं लेकिन चाकर कर भी वह इन्हें छिपा नहीं पा रहे। भीड़ का शोर, लोगों की फुसफुसाहट और कैमरों की फ्लैश लाइट… सब कुछ एकदम तनाव भरा माहौल बना रहा था।
तीनों के हाथों पर चमकती हथकड़ियां साफ दिख रही थीं।
तीनों के हाथों पर चमकती हथकड़ियां साफ दिख रही थीं।
जैसे ही पुलिस ने उन्हें मुख्य बाजार की ओर बढ़ाया, आरोपित बार-बार अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करते दिखे। कभी हथकड़ी वाले हाथ चेहरे पर रखते, कभी झुक जाते… लेकिन चाहकर भी वे मुंह छिपा न सके। पुलिस ने उन्हें मजबूती से पकड़ रखा था। पहले इनकी शहजादपुर के बाजार में परेड़ करवाई गई फिर इन्हें इनके मोहल्ले राजपुताना में घुमाया गया।
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लोगों की नजरें टिकी थीं –
यही वो हैं… साहिल बिष्ट के हत्यारे…
भीड़ से आवाजें भी आईं –
देख लो, यही अंजाम होता है अपराध करने का।
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मोहल्ले में चर्चाएं
आरोपितों के इस जुलूस परेड़ को देखने भीड़ बढ़ गई। राजपुताना मोहल्ला, महाराणा प्रताप कालोनी और शहजादपुर गांव से भी गली-गली से बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग बाहर आ गए। सबकी आंखों में गुस्सा और सवाल था। आरोपित यहीं के निवासी हैं। दोपहर करीब डेढ़ बजे तीनों आरोपितों को गाड़ी में बिठाया गया और वापस अपने साथ ले गई। लेकिन चर्चा रातभर न केवल शहजादपुर बल्कि पूरे जिले में चली।
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पुलिस का इरादा साफ था –
अपराधियों को सिर्फ सलाखों के पीछे ही नहीं, बल्कि समाज के सामने भी कटघरे में खड़ा करना। इस पूरे जुलूस ने बाजार और मोहल्ले में संदेश दिया कि नशा के दुष्परिणाम और अपराध करने वालों को न तो कानून बख्शेगा और न समाज।
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तीनों आरोपितों को बाजार और राजपुताना मोहल्ले में घुमाया गया। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को नशे से बचाना और एक संदेश देना था कि नशा के दुष्परिणाम और अपराध करने वालों को न तो कानून बख्शेगा और न समाज।
अशोक, थाना प्रभारी शहजादपुर।