चम्पावत के सीमांत तरकुली गांव में ग्राम प्रधान पद के नजीजे आने के बाद एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्राम प्रधान पद पर जीत का प्रमाण पत्र हासिल करने वाली प्रत्याशी काजल बिष्ट का दावा है कि वह हारी हैं। उन्हें गलती से जीता हुआ घोषित किया गया है। काजल खुद ही रिटर्निंग अफिसर के पास पहुंचकर बोली- साहब! मैं चुनाव नहीं जीती हूं, मेरा जीत का प्रमाण पत्र वापस ले लीजिए। मामले में आपत्ति को स्वीकार कर लिया गया है।
हारने वाली प्रत्याशी को दे दिया जीत का प्रमाण पत्र!
काजल बिष्ट का कहना है कि वोटों की गिनती में वह अपने प्रतिद्वंद्वी सुमित कुमार से 3 वोटों से हार गई थी। इसके बाद वह मतगणना स्थल से बाहर चली गई थी। लेकिन शाम को समर्थकों ने फोन कर बताया कि उनका नाम विजेता के तौर पर पुकारा जा रहा है और प्रमाण पत्र लेने के लिए बुलाया जा रहा है। जब वह वापस पहुंचीं तो उन्हें ग्राम प्रधान का जीत का प्रमाण पत्र सौंपा गया।

उच्चस्तरीय जांच की मांग
काजल का दावा है कि विजेता सुमित कुमार हैं। उन्हें गलती से विजयी बताया गया है। उन्होंने निर्वाचन आयोग की लापरवाही बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

अब मामले की सुनवाई कोर्ट में होगी
चंपावत के रिटर्निंग अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि तरकुली में ग्राम प्रधान के चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी को विजेता का प्रमाण पत्र दिए जाने की शिकायत आई है। आपत्ति को स्वीकार कर लिया गया है। अब एसडीएम न्यायालय में मामले की सुनवाई होगी। एक माह में पुनर्गणना कराई जा सकती है।