घनसाली: पुण्यतिथि पर उत्तराखंड के गांधी बडोनी को ब्लॉक प्रमुख कंडारी समेत स्थानीय लोगों ने किया याद


घनसाली। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के ध्वजवाहक ओर उत्तराखंड के गांधी कहे जाने वाले स्व0 इंद्रमणि बडोनी को आज उनकी पुण्यतिथि पर जहां प्रदेशभर में उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी जा रही है वहीं उनकी जन्मभूमि रहे घनसाली क्षेत्र में भी उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया।

घनसाली हनुमान मंदिर पुल के पास विभूति स्मारक में आज स्व0 बडोनी की पुण्यतिथि पर भिलंगना विकासखंड प्रमुख राजीव कंडारी ओर स्थानीय लोगों ने उनकी मूर्ति का माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए उनके ऐतिहासिक प्रयास को याद किया किया।

ब्लॉक प्रमुख राजीव कंडारी ने कहा कि घनसाली क्षेत्र कई महानायकों की जन्मस्थली रही है, जिनका समय समय पर देश व प्रदेश ओर क्षेत्र के लिए बड़ा योगदान रहा है, घनसाली के अखोड़ी में जन्में स्वर्गीय बडोनी भी बहुमुखी प्रतिभा के धनी एक महामानव थे, स्व0 बडोनी उत्तराखंड राज्य आंदोलन के ध्वजवाहक, एक दार्शनिक, संस्कृति प्रेमी ओर जनप्रिय राजनेता थे, स्व0 बडोनी के उत्तराखंड के लिए किए योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है, उनका पूरा प्रयास रहेगा कि स्व0 बडोनी के सपनो को साकार किया जा सके, इस मौके पर उनके साथ पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष नरेंद्र डंगवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य अनिल चौहान, भाजपा मंडल अध्यक्ष चंद्रमोहन नौटियाल समेत कई लोग मौजूद रहे।

बडोनी का राजनैतिक सफर

इंद्रमणि बडोनी का जन्म 24 दिसंबर 1925 को टिहरी गढ़वाल के जखोली ब्लॉक के अखोड़ी गांव में हुआ था। उनका जीवन अत्यंत संघर्षशील, सादा और प्रेरणादायक था। वे 1967, 1974, 1977 में देवप्रयाग से विधायक बने और उत्तराखंड राज्य आंदोलन के क्रांतिकारी और गांधीवादी नेता के रूप में विख्यात हुए। उन्होंने 1994 के ऐतिहासिक आमरण अनशन और जनजागरण अभियानों के जरिए राज्य निर्माण की नींव मजबूत की। उनका निधन 18 अगस्त 1999 को हुआ।


By शैलेन्द्र सिंह रावत

पहाड़ी खबरनामा न्यूज पोर्टल के सम्पादक शैलेन्द्र सिंह रावत है, जो कि बीते 13 सालों से पत्रकारिता जगत से जुड़े हैं, शैलेन्द्र सिंह रावत ने ईटीवी, न्यूज18 व जैन टीवी में कई वर्षो तक एक पत्रकार के रूप में अपनी सेवाऐं दी, वर्ष 2018 में उनके द्वारा पहाड़ी खबरनामा न्यूज पोर्टल की नीव रखी गयी, जो कि न्यूज पोर्टल के साथ ही Facebook, YouTube, Twitter और Instagram जैसे अन्य डीजीटल प्लेटफार्म पर भी पहाड़ी खबरनामा के नाम से ही उपलब्ध हैं।

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