घनसाली:- हिंदाव क्षेत्र में तीन मासूमों को निवाला बनाने वाला आदमखोर गुलदार हुआ ढेर


टिहरी/घनसाली:- भिलगंना रेंज के अन्तर्गत विगत चार माह से मानव क्षति करने वाला और दहशत का कारण बना चिन्हित गुलदार को ग्राम भौंडगांव के समीप स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जनता के सहयोग से विभागीय कर्मचारियों की कड़ी मशक्त के बाद 26 नवम्बर मंगलवार की रात्रि को नष्ट कर दिया गया है।

प्रभागीय वनाधिकारी टिहरी वन प्रभाग, नई टिहरी ने जानकारी दी कि टिहरी वन प्रभाग की भिलगंना रेंज के अन्तर्गत विगत चार माह में गुलदार द्वारा मानव क्षति की 03 घटनाये की गई थी। प्रकरण में प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव)/मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा सम्बन्धित गुलदार को चिन्हित कर पिजड़ा लगाकर/ट्रैक्यूलाईज कर कैद अथवा अन्तिम विकल्प के रुप में नष्ट करने की अनुमति प्रदान की गई थी।

इस क्रम में कैमरा ट्रैप, पदमार्क ट्रेसिंग एवं अन्य प्रणाली द्वारा गुलदार की गतिविधि ट्रैक की जा रही थी एवं विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर पिंजडा लगाकर/ट्रैक्युलाईज कर गुलदार को पकड़ने के निरन्त प्रयास किये जा रहे थे। माह जुलाई, अगस्त तथा सितम्बर माह के दौरान सम्बन्धित क्षेत्र में अधिकांश समय मूसलाधार वर्षा तथा आपदा की स्थिति बनी हुई थी। इसके साथ ही वहां झाड़ियों एवं फसल की अधिक सघनता भी बनी हुई थी। उक्त कारणों के चलते विभागीय टीम को गुलदार को पकड़ने/रेस्क्यू में निरन्तर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। मौसम साफ होने पर तेंदुआ रेस्क्यू अभियान को गति प्रदान हुई। किसी अप्रिय घटना के रोकथाम हेतु रेस्क्यू अभियान के साथ-साथ ही क्षेत्र में सघन जन-जागरुकता अभियान भी चलाया गया।

उन्होंने बताया कि स्थानीय जन-प्रतिनिधियों एवं जनता के सहयोग से विभागीय कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के बाद 26 नवम्बर 2024 को रात्रि लगभग 10.00 बजे विभागीय टीम द्वारा अन्तिम विकल्प के तौर पर प्रकरण में चिन्हित गुलदार को ग्राम भौंडगांव के समीप नष्ट करने में सफलता प्राप्त हुई।


By शैलेन्द्र सिंह रावत

पहाड़ी खबरनामा न्यूज पोर्टल के सम्पादक शैलेन्द्र सिंह रावत है, जो कि बीते 13 सालों से पत्रकारिता जगत से जुड़े हैं, शैलेन्द्र सिंह रावत ने ईटीवी, न्यूज18 व जैन टीवी में कई वर्षो तक एक पत्रकार के रूप में अपनी सेवाऐं दी, वर्ष 2018 में उनके द्वारा पहाड़ी खबरनामा न्यूज पोर्टल की नीव रखी गयी, जो कि न्यूज पोर्टल के साथ ही Facebook, YouTube, Twitter और Instagram जैसे अन्य डीजीटल प्लेटफार्म पर भी पहाड़ी खबरनामा के नाम से ही उपलब्ध हैं।

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